Priyanka Verma

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लेखनी प्रतियोगिता - दिन बरसात के

दिन



कुछ भीगे भीगे से होते हैं,
छम छम बूंदों से भरे होते हैं,
चाय पकौड़ों के सबब होते हैं,
बरसात के वो सुहाने दिन,

अक्सर शिकायतों से भरे होते हैं,
कभी बारिश का पानी, कभी कीचड़,
और कभी गीले कपड़ों से भरे होते हैं,
बरसात के वो दिन,

हरी हरी हरियाली होती,
पेड़ पौधे खुशी में नाचें ,
झींगुर, मोर, कोयल झूमे गाएं,
इनके लिए अमृत भरे होते हैं,
बरसात के वो दिन।।

प्रियंका वर्मा
21/7/23

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3 Comments

Abhinav ji

22-Jul-2023 09:25 AM

Very nice 👍

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Varsha_Upadhyay

22-Jul-2023 01:54 AM

बहुत खूब

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Babita patel

21-Jul-2023 01:50 PM

Nice

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